The smart Trick of shiva chalisa lyrics That No One is Discussing
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वटाधोनिवासं महाट्टाट्टहासं महापापनाशं सदासुप्रकाशम् ।
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
अर्थ- अपनी पूजा को पूरा करने के लिए राजीवनयन भगवान राम ने, कमल की जगह अपनी आंख से पूजा संपन्न करने की ठानी, तब आप प्रसन्न हुए और उन्हें इच्छित वर प्रदान किया।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा।।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा get more info करत सन्तन प्रतिपाला.
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी । पाठ करे सो पावन हारी ॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
शिवलिंग पर कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाया जाता है हालंकि नारियल पूजा में काम में लिया जाता है।